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    प्रस्तावना

    संगठन और कार्यों वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक हिस्सा है, जिसे भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 की 164 संशोधन में दी गई राष्ट्रपति अधिसूचना, 4 जनवरी, 1985 को (74/2/1/8 कैब) के माध्यम से घोषित किया गया था। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) स्वदेशी प्रौद्योगिकी संवर्धन, विकास, उपयोग और अंतरण से संबंधित गतिविधियों को पूरा करने का अधिकार रखता है।

    डॉ. हर्ष वर्धन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान के माननीय केन्द्रीय मंत्री है।

    डॉ. शेखर सी मांडे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव हैं तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक हैं।

    डीएसआईआर का प्राथमिक प्रयास उद्योगों द्वारा अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, छोटे और मध्यम औद्योगिक इकाइयों के एक बड़े क्रास सेक्‍शन को समर्थन करने के लिए उच्च व्यावसायिक क्षमता की अत्‍याधुनिक विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों का विकास करना, प्रयोगशाला पैमाने पर अनुसंधान और विकास के त्‍वरित व्यावसायीकरण का उत्प्रेरण करना, कुल निर्यात में प्रौद्योगिकी गहन निर्यात की हिस्सेदारी बढ़ाना, औद्योगिक परामर्श और प्रौद्योगिकी प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत बनाना और उपयोगकर्ता के अनुकूल सूचना नेटवर्क स्थापित करने के लिए देश में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान की सुविधा की स्‍थापना करना है। यह भी प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के लिए वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बीच राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के माध्यम से लिंक उपलब्‍ध कराता है और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के माध्यम से अनुसंधान और विकास में निवेश की सुविधा प्रदान करता है।

    उपर्युक्त उद्देश्यों को दसवीं योजना के दौरान निम्नलिखित के माध्यम से प्राप्त किया जाना है:

    • प्रौद्योगिकी संवर्धन, विकास और उपयोगिता कार्यक्रम (टीपीडीयू)
    • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर)
    • परामर्श विकास केंद्र (सीडीसी)
    • राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी)
    • सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल)

    प्रौद्योगिकी संवर्धन, विकास और उपयोगिता कार्यक्रम (टीपीडीयू) योजना शून्य आधारित बजट अनुप्रयोगों के तहत योजना आयोग की सिफारिश के अनुसार निम्नलिखित नौवीं योजना स्कीमों के विलय से तैयार किया गया है:

    • उद्योग द्वारा अनुसंधान एवं विकास (आरडीआई)
    • प्रौद्योगिकीय आत्‍मनिर्भरता के प्रति लक्षित कार्यक्रम (पीएटीएसईआर)
    • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रभावकारिता बढ़ाने की योजना (एसईईटीओटी)
    • एपीसीटीटी

    योजना के तहत कार्यक्रम और गतिविधियां औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का संवर्धन करने, प्रौद्योगिकियों का वाणिज्‍यीकरण और विकास, अधिग्रहण, प्रौद्योगिकियों का निर्यात और प्रबंधन, परामर्श सक्षमताओं को बढ़ावा देने, आदि के आसपास केंद्रित हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना कार्यक्रम के अंतर्गत विशिष्ट योजनाएं निम्‍नलिखित हैं:

    • प्रौद्योगिकी विकास और प्रसार के लिए जानकारी तक पहुंच
    • औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा सामान्‍य अनुसंधान सुविधाओं का विकास
    • पेटेंट अधिग्रहण और सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास
    • व्‍यक्‍तियों, शुरूआतियों तथा एमएसएमईओं में नवप्रवर्तनों का संवर्धन

    तत्कालीन कार्यक्रम

    • औद्योगिक अनुसंधान और विकास संवर्धन कार्यक्रम
      • इन-हाउस उद्योग में अनुसंधान एवं विकास
      • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन
      • वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन
    • प्रौद्योगिकी विकास और प्रदर्शन कार्यक्रम
      • प्रौद्योगिकी विकास और प्रदर्शन कार्यक्रम
      • टैक्नोप्रेन्योर संवर्धन कार्यक्रम
    • प्रौद्योगिकी और महिलाओं के लिए उपयोगिता कार्यक्रम विकास
    • प्रौद्योगिकी प्रबंधन कार्यक्रम
    • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम
    • कंसल्टेंसी संवर्धन कार्यक्रम
    • सूचना प्रौद्योगिकी सुविधा कार्यक्रम